पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ाकर आम जनता के साथ 'फ्रॉड' कर रही मोदी सरकार - हरपाल सिंह चीमा
पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ाकर आम जनता के साथ 'फ्रॉड' कर रही मोदी सरकार - हरपाल सिंह चीमा
...महंगाई से त्रस्त आम जनता को राहत पहुंचाने के बजाय लूट रही है मोदी सरकार - हरपाल सिंह चीमा
...आम जनता को कंगाल कर अपने कॉरपोरेट मित्रों की जेब भर रहे प्रधानमंत्री मोदी - हरपाल सिंह चीमा
...प्रधानमंत्री मोदी यह भूल रहे हैं, जो जनता कुर्सी पर बिठाना जानती है, वह कुर्सी से उतारना भी जानती है - हरपाल सिंह चीमा
चंडीगढ़, 3 अप्रैल
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद तेल कंपनियों द्वारा पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार 11वें दिन बढ़ोतरी करने पर आम आदमी पार्टी(आप) ने केंद्र सरकार की सख्त आलोचना की और इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार ठहराया। रविवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में 'आप' के वरिष्ठ नेता और पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि विधानसभा चुनाव नतीजों के ठीक बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी कर मोदी सरकार देश की आम जनता के साथ फ्रॉड कर रही है।
चीमा ने कहा के पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़ाकर मोदी सरकार आम जनता को कंगाल कर रही है और उस पैसे से अपने कॉर्पोरेट मित्रों की जेब भर रही है। देश की आम जनता पहले से ही महंगाई की मार झेल रही है। करोड़ों लोग अपनी आवश्यक जरूरतें भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। लेकिन बेहद दुर्भाग्य की बात है कि ऐसे समय में जनता को राहत पहुंचाने के बजाय केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और अन्य जरूरी चीजों के दाम बढ़ाकर आम लोगों की परेशानी बढ़ा रही है।
चीमा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का उद्देश्य किसी भी तरह जनता को बेवकूफ बनाकर चुनाव जीतना है। सिर्फ अपने चुनावी भाषणों में ही वे जनहित की बातें करते हैं। विधानसभा चुनावों के दौरान उन्होंने जनता को बेवकूफ बनाने के लिए तेल कंपनियों पर कीमतें न बढ़ाने का दबाव डाला और इसका चुनावी लाभ उठाया। अब चुनाव जीतने के बाद अपना असली रंग दिखा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि महंगाई खत्म करने का वादा कर सत्ता में आई मोदी सरकार महंगाई को ऐतिहासिक रूप से बढ़ाया और जनता को आपस में लड़ा कर महंगाई के मुद्दे से भटकाए रखा। उन्होंने कहा कि शायद प्रधानमंत्री मोदी यह भूल रहे हैं कि जो जनता कुर्सी पर बैठाना जानती है वह कुर्सी से उतारना भी जानती है। चलाकी और चालबाजी के माध्यम से जनता को ज्यादा दिनों तक बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता।